आज है रमेश सिप्पी का जन्मदिन, जानिए उनसे जुडी ये रोचक कहानी


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Bollyy Hindi, New Delhi: जब हम हिंदी सिनेमा के इतिहास की सबसे बड़ी हिट फिल्मों की बात करते हैं तो सबसे पहले दिमाग में ‘शोले’ का ही नाम आता है । साल 1975 में रिलीज हुई यह फिल्म उन दिनों लोगों के दिलों को छू गई थी। अब भी इसे ऑनलाइन देखने वालों की संख्या कम नहीं है। इस कल्ट क्लासिक को बनाने वाले डायरेक्टर हैं रमेश सिप्पी. आज उनके जन्मदिन पर हम शोले के डायरेक्टर से जुड़ी खास बातें शेयर करने जा रहे हैं.
उन्हें शुरू से ही इंडस्ट्री में भी दिलचस्पी थी
रमेश सिप्पी (Ramesh Sippy) का जन्म 23 जनवरी 1947 को कराची में हुआ था। उनके पिता जीपी सिप्पी फिल्मी दुनिया से जुड़े थे, जिसके चलते उन्हें भी शुरू से ही इंडस्ट्री में दिलचस्पी थी। रमेश ने निर्देशक के रूप में अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1971 में ‘अंदाज़’ से की थी। इस फिल्म में राजेश खन्ना जैसे सुपरस्टार और शम्मी कपूर और हेमा मालिनी जैसे सितारे भी थे। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट रही थी। इसके बाद उन्होंने हेमा मालिनी के साथ मुख्य भूमिका में ‘सीता और गीता’ बनाई। इस फिल्म को भी दर्शकों ने पसंद किया था.
इतनी महंगी फिल्म बनाने के लिए रमेश सिप्पी के पास पैसे नहीं थे
दोनों फिल्में हिट होने के बाद रमेश सिप्पी ने तय किया कि अब उन्हें एक बड़ी फिल्म बनानी है, जिसमें कई बड़े सितारे हों। उन्होंने प्रसिद्ध लेखक जोड़ी सलीम-जावेद के सामने अपने दिल की बात कह दी, जिसके बाद दोनों ने रमेश को शोले की एक पंक्ति सुनाई। दोनों की ये लाइन रमेश को इतनी पसंद आई कि उन्होंने इस पर फिल्म बनाने का फैसला किया. हालांकि, इसे बनाने में सबसे बड़ी चुनौती इसका भारी भरकम बजट था। इतनी महंगी फिल्म बनाने के लिए उस वक्त रमेश सिप्पी के पास पैसे नहीं थे. उसने यह बात अपने पिता जीपी सिप्पी को बताई
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अपने पिता की मदद से रमेश सिप्पी की यह फिल्म तीन करोड़ के बजट में बनी थी
जीपी सिप्पी ने सुनने के बाद अपने बेटे से स्क्रिप्ट सुनी। जीपी सिप्पी को पटकथा इतनी पसंद आई कि उन्होंने तुरंत अपने बेटे की मदद करने का फैसला किया। इसके बाद अपने पिता की मदद से तीन करोड़ के बजट में रमेश सिप्पी की फिल्म बनाई। 15 अगस्त 1975 को जब फिल्म रिलीज हुई तो इसने कमाई के मामले में पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और इतिहास की सबसे सफल फिल्मों में से एक बन गई।